कार इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें Car Insurance Claim Process in Hindi

Car Insurance Claim Kaise Kare: अगर आप अपने कार इंश्योरेंस का क्लेम लेना चाहते हैं तो यह आर्टिकल स्पेशल आपके लिए है इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि आप अपने कार इंश्योरेंस का क्लेम कैसे कर सकते हैं। अगर आपने अपनी गाड़ी का insurance करवा रखा है और कोई अनहोनी हो गई है तो आप किस तरह से कंपनी से इसका क्लेम ले सकते हैं, यही जानकारी इस आर्टिकल में आपको देंगे।

कार इंश्योरेंस क्लेम लेने के साथ-साथ यहां पर मैं आपको यह जानकारी भी दूंगा की फर्स्ट पार्टी सेकंड पार्टी और थर्ड पार्टी insurance में क्या फर्क होता है और अगर आपने कोई इंश्योरेंस करवा रखा है तो आप यह कैसे पता कर सकते हैं कि यह इंश्योरेंस किस पार्टी का है इसके साथ साथ हम आपको बहुत सी अन्य जानकारी भी देंगे जो कि आपको इंश्योरेंस क्लेम करने में काफी सहायता प्रदान करेगी।

आइए समय बर्बाद ना करते हुए जल्दी से जल्दी आर्टिकल को शुरू करते हैं और देख लेते हैं कार इंश्योरेंस क्लेम कैसे करते हैं अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आता है तो इसे शेयर अवश्य करें

कार इंश्योरेंस क्लेम कैसे करें

अगर आप कार या कोई भी वाहन खरीदते हैं तो आपको उसका इंश्योरेंस लेना भी जरुरी होता है ऐसा इसलिए क्योंकि अगर दुर्भाग्यवश आपका कहीं एक्सीडेंट होता है तो उसकी भरपाई में आपको आर्थिक नुकसान का सामना न करना पड़े तो चलिए जानते हैं Car Insurance Claim Kaise Le.

Car Insurance Claim Kaise Kare

अगर आपकी गाड़ी के साथ कोई अनहोनी हो गई है और आपने गाड़ी का बीमा करवा रखा है तो आप आसानी से इस अनहोनी का क्लेम ले सकते हैं अगर आपकी गाड़ी को नुकसान हुआ है और अगर आपकी गाड़ी की वजह से किसी और साधन को नुकसान हुआ है या आपको खुद को चोट आई है तो भी आप क्लेम ले सकते हैं।

लेकिन क्लेम लेने से पहले आप जान लीजिए कि आपने किस प्रकार का insurance करवा रखा है, क्योंकि यह क्लेम आपको इंश्योरेंस के बेसिस पर ही मिलने वाला है, जैसे कि अगर आपने फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस करवा रखा है तो आपको थर्ड पार्टी का क्लेम कभी मिल ही नहीं सकता।

तो आइए एक बार अलग-अलग देख लेते हैं कि यह फर्स्ट सेकंड और थर्ड पार्टी का इंश्योरेंस के बारे में एक बार अगर इसकी कंफ्यूजन आपके दिमाग से दूर हो गई तो आप आसानी से समझ जाएंगे कि यह बीमें का क्या फंडा होता है और आपको इंश्योरेंस क्लेम करने के लिए क्या-क्या करना पड़ेगा।

First party Car insurance

फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस एक आधा अधूरा इंश्योरेंस होता है फर्स्ट पार्टी का मतलब होता है कि आपकी गाड़ी और आप खुद यह अक्षर छोटे साधनों के लिए ही होता है अगर आपने फर्स्ट पार्टी insurance करवा रखा है तो इसका मतलब है कि अगर आपके वाहन की कोई टूट-फूट होती है तो उसका खर्च कंपनी देगी लेकिन इसके अलावा अगर किसी प्रकार की कोई समस्या जैसे कि बड़ा एक्सीडेंट होने पर सामने वाले का खर्चा यह सब कंपनी नहीं देती।

Second Party Car Insurance

सेकंड पार्टी इंश्योरेंस नाम की कोई चीज नहीं होती, सेकंड पार्टी हम कंपनी को कहते हैं फर्स्ट पार्टी हम खुद होते हैं और सेकंड पार्टी वह कंपनी होती है जो हमारा इंश्योरेंस कर रही है।

हम जो भी इंश्योरेंस का क्लेम लेते हैं वह हमेशा सेकंड पार्टी से ही लेते हैं यानी कि सेकंड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होता सेकंड पार्टी हम कंपनी को कहते हैं सेकंड पार्टी ही इंश्योरेंस प्रोवाइड करवाती है और फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी को सेकंड पार्टी ही इंश्योरेंस देती है।

Third Party Car insurance

फर्स्ट पार्टी आप खुद सेकंड पार्टी कंपनी और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का मतलब होता है कि वह तीसरा कोई साधन या को तीसरा बंदा जो आपके और आपकी कंपनी के बीच आ रहा है उदाहरण के लिए समझाऊं तो अगर आप अपनी गाड़ी किसी दूसरी गाड़ी में ठोक देते हैं तो वह गाड़ी थर्ड पार्टी कहलाएगी।

जब हमारा किसी दूसरे बंदे के साथ एक्सीडेंट होता है तो कई बार हमें उसको नुकसान की भरपाई के लिए कुछ पैसे देने पड़ते हैं अगर आपने अपनी गाड़ी का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस करवा रखा है तो इसका मतलब है कि वह कंपनी ही नुकसान की पूरी भरपाई करेगी जिससे आपने इंश्योरेंस लिया हुआ है

एक बार अगर दोबारा आपको उदाहरण के रूप में बताएं तो फर्स्ट पार्टी आप खुद है सेकंड पार्टी आपकी कंपनी है जिससे आपने बीमा करवा रखा है और थर्ड पार्टी वह है जिसके साथ आपकी कोई अनहोनी हो सकती है यानी कि आपको और कंपनी के बीच में कोई भी तीसरा आता है वह थर्ड पार्टी होगा और उसको जो भी क्लेम देना है वह थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के तहत आता है।

Comprehensive Insurance क्या होता है

कंप्रिहेंसिव पैकेज पॉलिसी एक ऐसा इंश्योरेंस होता है जिसमें फर्स्ट पार्टी और थर्ड पार्टी दोनों को कवर किया जाता है यानी कि यह insurance आपको सस्ता भी पड़ेगा और कंपनी की तरफ से आपको फुल कवर भी दिया जाएगा।

अगर आपकी गाड़ी के साथ कोई भी अनहोनी होती है तो आप और थर्ड पार्टी दोनों को कवर मिलेगा इसके साथ-साथ आपकी गाड़ी को जो भी नुकसान हुआ है उसका क्लेम भी पूरा आपको मिलेगा।

Car Insurance Claim Process in Hindi

इस बात से कोई भी फर्क नहीं पड़ता कि आपने कौन सा इंश्योरेंस ले रखा है ज्यादातर कार के लिए लोग कंप्रिहेंसिव पैकेज पॉलिसी का ही इस्तेमाल करते हैं और जब आप इंश्योरेंस लेने के लिए कंपनी में जाएंगे तो भी वहां पर आपको थर्ड पार्टी इंश्योरेंस ही दिया जाएगा क्योंकि थर्ड पार्टी के साथ-साथ फर्स्ट पार्टी भी इंश्योर्ड होता है। इसका मतलब है कि अगर आपके पास थर्ड पार्टी इंश्योरेंस है तो आपके पास फर्स्ट पार्टी इंश्योरेंस तो होना ही होना है।

अगर आपको नहीं पता कि आप अपना insurance कैसे चेक करें तो आपके गाड़ी के साथ जो भी बीमे के कागजात हैं आप उस को खंगाल सकते हैं उन कागजों में आपको साफ-साफ दिखाई देगा कि आपको गाड़ी का कौन सा इंश्योरेंस है और आप कितने तक का क्लेम आसानी से ले सकते हैं इसमें प्रीमियम की भी पूरी जानकारी लिखी हुई होती है इसलिए यह कागजात आपके लिए बहुत जरूरी है। अब जान लेते हैं कि इंश्योरेंस का क्लेम लेने का प्रोसेस क्या होता है।

इंश्योरेंस का क्लेम आप कई प्रकार से ले सकते हैं मुख्यत: इसके दो प्रकार हैं एक तो आप अपनी गाड़ी को लेकर सीधा कंपनी में जा सकते हैं जहां पर वह कंपनी के लोग गाड़ी के हालात देखकर आपको इंश्योरेंस का क्लेम दे देंगे।

कई लोग बाहर गैराज में भी गाड़ी ठीक करवा लेते हैं लेकिन ज्यादातर कंपनियां ऐसे मामलों में भी इंश्योरेंस का क्लेम देती है आप जहां भी अपनी गाड़ी ठीक करवा रहें हो वह एक रजिस्टर्ड दुकान होनी चाहिए उस कंपनी के साथ जिस कंपनी का बीमा आप ने ले रखा है और फिर वहां से आपको एक पक्का बिल बनवाना होगा और इस बिल को आपको उसी कंपनी में जमा करवाना होगा जहां से आपने बीमा ले रखा है।

कंपनी के लोग आपके पूरे कागजात देखेंगे और उसके बाद यह निश्चित करेंगे कि आपको बीमा की राशि कितनी देनी है और आपको किस प्रकार का इंश्योरेंस क्लेम देना है।

जब एक्सीडेंटल मामलों में थर्ड पार्टी इंवॉल्व होती है तो मामला थोड़ा सा गड़बडा जाता है क्योंकि यहां पर यह निश्चित करना होता है कि गलती आपकी थी या सामने वाले की अगर सामने वाले की गलती थी तो उसके थर्ड पार्टी बीमा के तहत आपको उसकी तरफ से क्लेम मिलेगा और अगर गलती आपकी थी तो आपके थर्ड पार्टी के बीमे के आधार पर उसको क्लेम मिलेगा।

कई बार एक्सीडेंट बहुत बड़ा होता है और मामला कोर्ट में भी पहुंच जाता है ऐसे मामलों में हमेशा कोर्ट डिसाइड करता है कि गलती किसकी है और कौन किसको क्लेम देगा, ऐसे मामलों में जिसके भी सिर पर क्लेम का बोझ आता है उसने अगर बीमा करवा रखा है तो उसकी कंपनी क्लेम का पैसा भरेगी।

Car insurance claim Documents

इंश्योरेंस का क्लेम देने के लिए आपको अपनी गाड़ी के और आपके खुद के सभी प्रकार के डॉक्यूमेंट देने होंगे और अगर थर्ड पार्टी इंवॉल्व है तो थर्ड पार्टी के भी सभी कागजात होने चाहिए।

जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया कई बार अगर एक्सीडेंट बहुत बड़ा है और नुकसान बहुत ज्यादा हो गया है तो मामला कोर्ट में जाने पर कोर्ट डिसाइड करता है कि किसको क्लेम देना होगा।

ऐसे में कोर्ट के भी सभी कागजात साथ में लगाने होते हैं अगर मामला बड़ा है तो आपको बीमा के बारे में कंपनी की पॉलिसी पूछ लेनी चाहिए और अपने वकील से भी तत्काल सलाह लेनी चाहिए।

No depreciation insurance Kya Hota Hai

अगर आप इंश्योरेंस करवाते हैं तो आपके लिए नो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस को समझना काफी जरूरी हो जाता है अगर आसान भाषा में समझाएं तो डेप्रिसिएशन का हिंदी में मतलब मूल्यह्रास होता है किसी भी वस्तु का समय के साथ मूल्यह्रास होता है।

आज अगर आपके पास कोई ₹100000 की वस्तु है तो वह साल भर में कुछ कम पैसों की रह जाएगी जैसे कि 80000 या 90000 की यह मूल्यह्रास आप के साधन के साथ भी लागू होता है क्योंकि समय के साथ आपकी कार पुरानी होती जाएगी।

No depreciation insurance एक प्रकार का ऐडऑन होता है जब आप insurance करवाते हैं इसके लिए आपको अलग से प्रीमियम में कुछ पैसे बढ़ाकर भरने होंगे। लेकिन अगर आप No depreciation insurance नहीं लेते हैं तो इसका मतलब है कि आपको भविष्य में इंश्योरेंस का जो भी क्लेम मिलेगा वह डेप्रिसिएशन लगाकर मिलेगा।

जैसे कि अगर आप की नई गाड़ी की कीमत 10 लाख रुपए है तो साल बाद हो सकता है कि क्लेम देते वक्त कंपनी गाड़ी का मूल्य 8 लाख ही लगाए।

नो डेप्रिसिएशन इंश्योरेंस एड ऑन लेकर आप इस नुकसान से बच सकते हैं जब आप नई गाड़ी लेते हैं तो यहां पर No depreciation insurance के साथ 5 साल की समय अवधि मिलती है।

यानी कि 5 साल तक अगर आप कोई भी क्लेम लेंगे तो गाड़ी की कीमत जो आपने नई गाड़ी लेते वक्त भरी थी वही कीमत लगाई जाएगी। और नई गाड़ी की कीमत के अनुसार ही आपको क्लेम मिलेगा।

कुछ समय पहले तक इंडिया में यह रूल था कि आप केवल साल में दो बार ही क्लेम ले सकते हैं, लेकिन आगे चलकर अथॉरिटी ने यह नियम बदल दिया और आज यह नियम है कि आप जितना मर्जी बार क्लेम ले सकते है, इसीलिए यहां पर एक बोनस पॉलिसी भी है आइए उसे भी देख लेते हैं।

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जब आप पूरे साल प्रीमियम भरते हैं और कंपनी से किसी भी प्रकार का कोई क्लेम नहीं लेते हैं तो इसमें कंपनी को काफी फायदा होता है, इसलिए कंपनी आपको कुछ रिवार्ड पॉइंट देती है, जब आप अगले साल के लिए प्रीमियम भरते हैं और नया बीमा करवाते हैं तो उस समय आप को काफी राहत मिलती है और पैसे में खूब छूट दी जाती हैं।

लेकिन अगर आप साल में एक बार भी क्लेम ले लेते हैं तो आपको नो क्लेम बोनस नहीं मिलता, इसलिए काफी लोग लालच में आकर छोटी मोटी टूट-फूट खुद ठीक करवा लेते हैं और कंपनी से किसी भी प्रकार का कोई क्लेम नहीं लेते।

FAQs – कार इंश्योरेंस क्लेम कैसे होता है

Car Insurance क्या होता है?

कार इंश्योरेंस एक तरह से आपकी कार का सुरक्षा कवच होता है जिसकी मदद से यदि आपकी कार दुर्घटना में छतिग्रस्त हो जाती है तो कार इंश्योरेंस से इसकी भरपाई की जा सकती है जब भी आप कोई नई कार खरीदते हैं तो आपको इसके साथ बीमा लेना भी आवश्यक है।

कार इंश्योरेंस क्लेम करने हेतु आवश्यक दस्तावेज क्या है?

सबसे पहले आपको कार इंश्योरेंस क्लेम करने वाले फॉर्म की जरुरत पड़ेगी जिसे अच्छे से भरने के बाद आपको आगे दिए गए दस्तावेजों की कॉपी संलग्न करना है जैसे insurance पालिसी की कॉपी, कार का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, कार चालक का ड्राइविंग लाइसेंस और अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन की लिखित FIR आदि।

कार इंश्योरेंस में क्या क्या कवर होता है?

वाहन चालक पर अगर कोई केस होता है तो उसकी फीस इसके साथ कार के दुर्घटना से हुई हानि की भरपाई भी बीमा से होती है इसके अलावा अगर कार चोरी हो गयी है या कोई प्राकृतिक आपदा के कारण कार को नुकसान हो गया है तो उसे भी कवर किया जाता है।

Car Insurance कितने प्रकार का होता है?

इसके लिए 4 तरह की इंश्योरेंस पॉलिसी होती हैं जिनमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस और ओन डैमेज इंश्योरेंस भी शामिल हैं इसके साथ ही कॉम्प्रिहैन्सिव पॉलिसी या पैकेज पॉलिसी और व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा आदि।

नई कार का insurance कितने साल का लेना जरुरी है?

सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार नई कार को इंश्योरेंस लेते समय उसका कम से कम 3 साल का वेलिडिटी होना चाहिए मोटर व्हीकल एक्‍ट के अनुसार जो भी वाहन सड़क पर चलता है उसका थर्ड पार्टी इंश्‍योरेंस होना आवश्‍यक है।

निष्कर्ष

तो अब आप जान गए होंगे कि Car Insurance Claim Kaise Kare काफी लोग चालान से बचने के लिए इंश्योरेंस लेते हैं लेकिन इंश्योरेंस आपको चालान से बचने के लिए नहीं बल्कि अपनी और अपने वाहन की सेफ्टी के लिए लेना चाहिए।

आशा करेंगे कि आपको यह जानकारी पसंद आई होगी यहां पर हमने जाना कि आप कार इंश्योरेंस क्लेम कैसे ले सकते हैं अगर आपको जानकारी अच्छी लगी है तो इसे अपने करीबी साथियों के साथ साझा करना बिल्कुल भी ना भूलें।

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