Stamp Duty Kya Hota Hai आज के समय में जब भी हम जमीन खरीदते हैं या फिर किसी के साथ जमीन की अदला बदली करते हैं या किसी को हम जमीन गिफ्ट करते हैं तो उसके लिए हमें रजिस्ट्रार ऑफिस जाकर जमीन की रजिस्ट्री करानी पड़ती है और साथ में हमें स्टांप ड्यूटी भुगतान भी करना पड़ता है।
अगर आप जमीन या प्लाट की खरीद बिक्री करते हैं तो आपने स्टाम्प ड्यूटी का नाम जरुर सुना होगा दरअसल जब भी आप भारत में कही कोई जमीन खरीदते हैं तो आपको कई सारे टैक्स देने होते हैं जिनमें स्टाम्प ड्यूटी भी होता है स्टाम्प ड्यूटी के बिना आपका रजिस्ट्री का काम आगे नहीं बढ़ता है।
जमीन के लेनदेन में स्टाम्प ड्यूटी इतनी खास है ऐसे में अब आप सोच रहे होंगे कि स्टांप ड्यूटी क्या होती है What is Stamp Duty in Hindi तो आज के इस आर्टिकल में हम इसी विषय के ऊपर चर्चा करेंगे।
इस आर्टिकल में हम इस विषय के ऊपर पूरी डिटेल से और ए टू जेड प्वाइंटों पर चर्चा करेंगे ताकि आपको स्टांप ड्यूटी के बारे में कोई भी डाउट न रहे और आपके सारे डाउट क्लियर हो जाए तो चलिए जानते हैं स्टाम्प ड्यूटी कैसे निकाले उम्मीद करते हैं यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा।
स्टांप ड्यूटी क्या है (What is Stamp Duty in Hindi)
स्टांप ड्यूटी एक गवर्नमेंट टैक्स होता है जो की सीधा स्टेट गवर्नमेंट के पास जाता है और यह राज्य के हिसाब से अलग अलग हो सकता है अगर आप स्टाम्प ड्यूटी के माध्यम से कोई जमीन या प्लाट की रजिस्ट्री करवाते हैं तो यह आपका एक प्रकार से सबूत हो जाता है।
अगर जमीन को लेकर कोई विवाद हो जाता है तो स्टाम्प ड्यूटी लगने से आप जमीन के कागज कोर्ट में गवाह के रूप में पेश कर सकते हैं अगर आप स्टाम्प ड्यूटी का उपयोग नहीं करते हैं तो आपके कागज को वैध नहीं माना जाता है।
स्टांप ड्यूटी कैसे निकालते हैं
आप जब भी किसी भी स्टेट में जमीन खरीदने की सोचें तो सबसे पहले आपको यह जान लेना जरूरी होता है कि इस स्टेट के अंदर है जमीन का सरकारी रेट क्या चल रहा है, क्योंकि हमें सर्कल रेट के आधार पर ही स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता है किसी भी स्टेट में जमीन खरीदने पर हमें लगभग 5 से 7% स्टांप ड्यूटी भुगतान करना पड़ता है।
स्टांप ड्यूटी भुगतान की गणना इस प्रकार से होती है की खरीदी गई जमीन किस एरिया में है और जिस एरिया में जमीन खरीदी गई है वह जमीन आवासीय है या वाणिज्यिक और खरीदी गई जमीन पर मकान कितने फ्लोर का है इन सभी चीजों के आधार पर ही स्टांप ड्यूटी भुगतान की गणना की जाती है।
जब भी कोई व्यक्ति जमीन खरीदता है या फिर कोई प्रॉपर्टी अपने नाम करवाता है तो पहले उसे यह जान लेना जरूरी है कि उस जमीन की स्टांप ड्यूटी उसे कितना भुगतान करना पड़ेगा वह जाने के बाद ही जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम करवानी चाहिए।
स्टांप ड्यूटी हर स्टेट का अलग-अलग होता है हर एक स्टेट में 4 से 10% तक जमीन का स्टांप ड्यूटी हमें भुगतान करना पड़ता है हर स्टेट के अंदर सर्किल रेट या फिर कहे तो जमीन का सरकारी रेट अलग-अलग होता है उस सरकारी रेट के हिसाब से ही जमीन का स्टांप ड्यूटी भुगतान करना पड़ता है।
स्टांप ड्यूटी का महत्व
जितना फायदा सरकार को टेक्स्ट से होता है उतना ही फायदा हमें सरकार को टैक्स देने से होता है, अब आप सोच रहे होंगे कि टैक्स देने से आखिर हमें क्या फायदा होगा तो दोस्तों जब हम स्टांप ड्यूटी का भुगतान कर के अपनी जमीन की रजिस्ट्री कराते हैं।
इससे हमें यह फायदा देखने को मिलता है कि जब भी हमारी जमीन से रिलेटेड कोई भी अड़चन आती है तो हम बड़ी आसानी के साथ हमारी जमीन से रिलेटेड कोर्ट केस कर सकती हैं और हमारी फाइल को सबूत के तौर पर दिखा सकते हैं।
जब भी हम स्टांप ड्यूटी या फिर कहें टैक्स देते हैं तो इससे सरकार को भी बहुत ही फायदा होता है जैसे कि अगर हम जमीन को 2 करोड में खरीदते हैं तो उस पर हमें लगभग 8 से 10 लाख रुपए तक का स्टांप ड्यूटी का भुगतान करना पड़ता है, अब ये 8 से 10 लाख रुपए आने वाले समय में गवर्नमेंट इस टैक्स को विकास कार्य में यूज कर पाएगी तो इस प्रकार से स्टांप ड्यूटी देने से हमें और सरकार दोनों को फायदा मिलता है।
ये भी पढ़े
- पहला टचस्क्रीन मोबाइल किस कंपनी ने लांच किया था यहाँ जानिये
- दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कौन सा है
- तारे क्यों टिमटिमाते हैं और ग्रह क्यों नहीं
- राष्ट्रपति से शिकायत कैसे करें
FAQs – Stamp Duty in Hindi
स्टांप ड्यूटी वापस होती है या नहीं?
अगर एक बार आप स्टांप ड्यूटी भुगतान कर देते हैं तो उसके बाद आप स्टांप ड्यूटी भुगतान को वापस नहीं ले सकते क्योंकि यह सरकार के पास टैक्स के रूप में जमा हो जाता है और सरकार इसे विकास कार्य में उपयोग में लेती है इस कारण से स्टांप ड्यूटी भुगतान हो जाने के बाद आपको वापस नहीं दिया जाता।
क्या स्टाम्प ड्यूटी भुगतान होमलोन में सामिल होता है?
स्टांप ड्यूटी भुगतान में होम लोन किसी भी तरह से शामिल नहीं है क्योंकि होमलोन हमारे द्वारा किए जाने वाला एक अतिरिक्त खर्चा होता है तो इसलिए स्टांप ड्यूटी भुगतान में होमलोन सामिल नहीं होता।
क्या स्टाम्प ड्यूटी भुगतान में GST सामिल होता है?
वर्तमान समय में स्टांप ड्यूटी भुगतान और जीएसटी का कोई संबंध नहीं है,स्टांप ड्यूटी भुगतान आपसे अलग लिया जाता है और जीएसटी चार्ज आपसे अलग लिए जाते हैं इसलिए स्टांप ड्यूटी में जीएसटी सामिल नहीं है।
स्टाम्प ड्यूटी पर आयकर कटौती के रूप में क्लेम किया जा सकता है क्या?
अगर आप आयकर दाता है यानी आइटीआर फाइल करते हैं तो आपको टैक्स में छूट मिल सकती है।
स्टाम्प ड्यूटी की आवश्यकता कब पड़ती है?
स्टाम्प ड्यूटी की आवश्यकता अधिकतर जमीन या किसी प्रॉपर्टी की खरीद और बिक्री के लिए होती है इसके जरिये आप अपने लेनदेन से स्टाम्प ड्यूटी के रूप में सरकार को इसका टैक्स देते हैं और इससे आपके लेनदेन में सरकार की भी भूमिका हो जाती है।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल में हमने देखा कि Stamp Duty Kya Hai इस आर्टिकल में हमने आपको स्टांप ड्यूटी के बारे में पूरी जानकारी प्रदान की है ताकि हर एक व्यक्ति को स्टांप ड्यूटी के बारे में कोई भी डाउट न हो अगर आपको आज के इस आर्टिकल में कोई भी दिक्कत लगी तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट कर सकते हैं, हम आपकी उस दिक्कत का समाधान करने की कोशिश करेंगे।
अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यह जानकारी अन्य लोगों तक भी पहुंचे ऐसे ही जानकारी वाली पोस्ट पढ़ते रहने के लिए आप हमें इंस्टाग्राम और फेसबुक पेज पर भी फॉलो कर सकते हैं।