दिल्ली भारत की राजधानी कब और कैसे बनी थी

दिल्ली भारत की राजधानी कब कैसे बनी थी हम सभी जानते है कि वर्तमान में दिल्ली भारत की राजधानी है लेकिन बहुत कम लोगो को पता है कि दिल्ली को राजधानी का दर्जा कब दिया गया था और इससे पहले इंडिया की राजधानी कौनसा शहर हुआ करता था. तो यहां हम आपको इसी की जानकारी देने वाले हैं. इससे पहले आपको बता दे कि एक तरफ जहां इंडिया की राजधानी दिल्ली है. वहीं आर्थिक राजधानी मुंबई को माना जाता है क्योंकि मुंबई एक ऐसा शहर है जो भारत की GDP में काफी योगदान देता है. इसके अलावा भारत के ज्यादातर अमीर लोग मुंबई में ही रहते हैं. ऐसे में आर्थिक स्थिति को देखते हुए मुंबई को आर्थिक राजधानी का दर्जा दिया गया है. खैर यहां हम दिल्ली के इतिहास की चर्चा करने वाले हैं तो चलिए जानते हैं.

दिल्ली भारत की राजधानी कब और कैसे बनी थी
delhi bharat ki rajdhani kab kaise bani thi

दिल्ली भारत की राजधानी कब बनी थी

भारत की आजादी से बहुत पहले ही दिल्ली को राजधानी का दर्जा मिल गया था. इससे पहले अंग्रेजों के शासनकाल में कोलकाता इंडिया का कैपिटल हुआ करता था लेकिन उन्हें कोलकाता से शासन करने में कई मुश्किलें आ रही थी इस वजह से दिल्ली को कैपिटल बनाने का फैसला किया गया. यह फैसला 12 दिसम्बर 1911 में जॉर्ज पंचम द्वारा लिया गया था. अंत में ब्रिटिश भारत के गवर्नर जनरल लॉर्ड इर्विन द्वारा 13 फरवरी 1931 को नई दिल्ली का उद्घाटन हुआ. इस प्रकार भारत की राजधानी 13 फरवरी 1931 को नई दिल्ली बनी.

दिल्ली भारत की राजधानी कैसे बनी थी

जैसा हमने आपको बताया कि अंग्रेज शासनकाल में साल 1911 से पहले कोलकाता भारत का कैपिटल हुआ करता था लेकिन कोलकाता से शासन करने में अंग्रेजों को कई मुश्किलें आ रही थी. अंग्रेज शासकों ने महसूस किया की भारत में अच्छी तरह से शासन करने के के लिए दिल्ली को राजधानी बनाना चाहिए. इसके बाद साल 1911 में जॉर्ज पंचम ने देश की राजधानी को दिल्ली ले जाने का आदेश दे दिया था. जिसके बाद दिल्ली के एक भाग का निर्माण कराया गया था जिसे न्यू दिल्ली के नाम से जाना जाता है. इस कार्य को करने में करीब 2 दशक का समय लग गया था.

जब दिल्ली को भारत का कैपिटल बनाने का फैसला लिया गया था तब उस समय दिल्ली की माली हालत बहुत खराब थी. इतना ही नहीं देश के दूसरे शहर जैसे कोलकाता, मुंबई, मद्रास, लखनऊ और हैदराबाद जैसे शहर भी दिल्ली से काफी आगे थे. हालात इतने खराब थे कोई भी व्यापारी दिल्ली में पैसे लगाने को तैयार नहीं था. हालाकि भौगोलिक द्रष्टि से देखते हुए दिल्ली भारत के मध्य में स्थित होने के कारण इसको राजधानी बनाने का फैसला किया गया. इसके बाद न्यू दिल्ली को विकसित किया गया जिसमें 20 साल से भी अधिक समय लग गया था.

तो अब आप जान गए होंगे कि दिल्ली भारत की राजधानी कब और कैसे बनी थी यहां हमने आपको तारीख के साथ इसका संछिप्त इतिहास भी बताया है जिससे आपको समझने में आसानी हुई होगी. दिल्ली से पहले कोलकाता भारत की राजधानी थी लेकिन बाद में अंग्रेज शासन के दौरान इंडिया का कैपिटल दिल्ली को बनाया गया था. तब से अंग्रेजों के चले जाने के बाद यानी भारत के आजाद होने के बाद अधिकारिक तौर पर दिल्ली को ही इंडिया का राजधानी बनाया गया है.

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