भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था Bharat Ko Sone Ki Chidiya Kisne Banaya Tha

Bharat Ko Sone Ki Chidiya Kyon Kaha Jata Tha हमारा भारत देश शुरू से ही समृद्ध और संपन्न रहा है और प्राचीन काल से ही कुछ ऐसे देश थे जो कि भारत पर राज करने की सोचते थे क्योंकि पहले के समय में भारत सबसे अमीर देशों में से एक हुआ करता था और उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।

आज दुनिया में जितने भी देश हैं उनका किसी न किसी तरह का इतिहास रहा है भारत दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसका इतिहास काफी ज्यादा प्राचीन है भारत ने अपने इतिहास में काफी उतार चढ़ाव देखे हैं जैसे यह यह प्राचीन समय में सोने की चिड़िया के नाम से जाना जाता था।

अब हमारे मन में सवाल यह बनता है कि आखिर भारत को सोने की चिड़िया किसने बनाया था तो आज के इस आर्टिकल के अंदर हम आपको बताएंगे कि प्राचीनकाल में भारत का नाम सोने की चिड़िया कैसे पड़ा था इसमें हर एक कारण को जानेंगे की आखिरी अब वर्तमान समय में भारत को सोने की चिड़िया क्यों नहीं कहा जाता है।

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था

आज हम आपके हर एक सवाल का जवाब इसी आर्टिकल के अंदर देंगे अगर आपको इस सवाल का जवाब चाहिए तो आप आज के इस आर्टिकल को पूरा अंत तक जरूर पढ़ें क्योंकि इसके अंदर हमने आपको हर एक जानकारी डिटेल से और स्टेप बाय स्टेप दी है तो चलिए जानते हैं भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहते थे उम्मीद करते हैं यह पोस्ट आपको पसंद आएगा।

Table of Contents

सोने की चिड़िया किसे कहते हैं

आगे बढ़ने से पहले आपको यह जानना बहुत जरूरी है कि भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने का आखिर मतलब क्या है कुछ लोगे ऐसा भी सोचते होंगे कि अगर भारत सोने की चिड़िया था तो अब भारत के सोने के पंख कहां पर है तो दोस्तों सोने की चिड़िया कहे जाने का मतलब यह नहीं है कि भारत के सोने के पंख थे इसलिए हम आपको बताते हैं कि भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने का क्या मतलब है।

आपने बहुत सी जगह पर पढ़ा होगा कि पहले के समय में भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था तो सोने की चिड़िया कहे जाने का मतलब है कि प्राचीन समय में भारत के पास बहुत धन था और हमारे भारत में सबसे ज्यादा सोना मिलता था इस कारण से भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है लेकिन आज के समय में ऐसा बिल्कुल नहीं है क्योंकि अब हमारा देश इतना ज्यादा अमीर नहीं है और हमारे देश की गिनती अमीर देशों के साथ नहीं की जाती है।

भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था

अब आपको इतना तो जरूर पता लग गया होगा कि भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने का आखिरी मतलब क्या है तो चलिए अब हम जानते हैं कि भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने के पीछे मुख्य क्या कारण थे क्योंकि अगर हम कारण नहीं जानेंगे तो हमें यह नहीं पता चलेगा कि पहले के समय में भारत को सोने की चिड़िया क्यों कहा जाता था तो चलिए जानते हैं।

1. प्राचीन भारत का लघु उद्योग

प्राचीन भारत के लघु उद्योग से मतलब है कि पहले के समय में ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं था जिसके पास खुद का काम न हो प्राचीन भारत में हर एक व्यक्ति कुछ ना कुछ काम किया करता था और वह काम एक लघु उद्योग के रूप में हुआ करता था यानी कि उस समय हर व्यक्ति अपनी जरूरत के हिसाब से काम किया करता।

हर एक व्यक्ति का अपना खुद का काम था जिस कारण से कि भारत का पैसा भारत के अंदर ही रहता था और हर एक समान का उत्पाद भी भारत के अंदर ही कर लिया जाता था जिस कारण से भारत का सोना और धन भारत के अंदर ही घूमता रहता और यह भी एक कारण था जिससे कि भारत सोने की चिड़िया कहा जाता था।

2. भारत का कृषि प्रधान देश होना

भारत को कृषि प्रधान देश प्राचीन काल से ही कहते आये हैं क्योंकि भारत में लगभग व्यक्ति कृषि पर निर्भर रहते हैं और आज के समय में भी लोगे कृषि पर ही निर्भर रहते हैं जिस कारण से कि भारत को कृषि प्रधान देश कहा जाता है।

इसी कारण से भारत में लोग अपना अनाज बेचकर या फिर अनाज के बदले में कुछ अन्य सामान लेकर ही काम चला लेते थे और इस कारण से भी भारत की आमदनी भारत के अंदर ही रहती थी लेकिन आज के समय में हमारा अनाज बाहर के देशों में भी जाने लगा है।

3. भारत का व्यापार

प्राचीन समय में भारत का व्यापार बहुत ही जोरों शोरों से चलता था बाहर देश के लोगों को कोई भी सामान की जरूरत होती तो वह भारत से समान को लेकर जाते और उसके बदले में सोने की मुद्रा देकर जाते थे।

इसी तरीके से कृषि और अन्य चीजों पर भी इसका फर्क दिखने लगा और ज्यादातर चीजें लोग भारत से लेकर जाते थे इस कारण से भारत का व्यापार बहुत ही ज्यादा फैलने लगा था।

4. भारत का मोर सिंहासन

भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने के पीछे मोर सिंहासन का बहुत बड़ा हाथ था मयूर सिंहासन का भारत को सोने की चिड़िया कहे जाने के पीछे बड़ा हाथ इसलिए है क्योंकि मयूर सिंहासन को बनाने में इतना ज्यादा खर्चा आया था कि इतने खर्चे के अंदर दो नए ताजमहल का निर्माण किया जा सकता था।

अब आप सोच सकते हैं कि मयूर सिंहासन के निर्माण के लिए कितने सोने का इस्तेमाल किया गया होगा इस वजह से भी भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।

प्राचीन समय के इतिहासकारों की मानें तो मयूर सिंहासन को बनाने के लिए 1000 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया था और बेशकीमती पथरो को इसके अंदर लगाया गया था जिस कारण से कि इसकी कीमत में और भी ज्यादा वृद्धि हो गई।

5. भारत का कोहिनूर हीरा

आप में से बहुत से लोगों ने कोहिनूर हीरे के बारे में जरूर सुना होगा कोहिनूर हीरा प्राचीन समय में भारत के पास हुआ करता था और यह हीरा बेशकीमती था कोहिनूर हीरा बेशकीमती होने के कारण ही भारत को सोने की चिड़िया कहलाने के पीछे इसका बहुत बड़ा योगदान था।

अगर हम कोहिनूर हीरे की वर्तमान कीमत के बारे में बात करें तो कोहिनूर हीरे की वर्तमान कीमत 1अरब डॉलर के आसपास है और आज के समय में यह हीरा ब्रिटेन के पास है।

वर्तमान में भारत को सोने की चिड़िया क्यों नहीं कहा जाता है

अब हम जानते हैं कि वर्तमान समय में भारत को सोने की चिड़िया क्यों नहीं कहा जाता क्या कारण है कि आज हम भारत को सोने की चिड़िया कहने से वंचित है तो चलिए जानते हैं।

1. नादिर शाह का आक्रमण और लूट

प्राचीन समय में जब भारत के पास बहुत ज्यादा सोना हुआ करता था तो उस समय में नादिर शाह ने भारत पर आक्रमण और लूट की नादिर शाह भारत के गद्दार राजाओं के साथ मिलकर भारत को लूटा और नादिरशा लुटे हुए सोने को ले जाते वक्त मयूर सिंहासन को भी अपने साथ ले गया।

2. अंग्रेजो की भारत लूट नीति

जब भारत को नादिर शाह जैसे लोग लूटने लगे तो उसके बाद भारत को एक के बाद एक हर देश द्वारा लूटा जाने लगा जिसमें से अंग्रेजों की लूट भी शामिल है जब अंग्रेज भारत आए तो उन्होंने भारत के लालची राजाओं और भारत के लालची लोगों को पहचान लिया और उनके साथ मिलकर अंग्रेजों ने भारत को खूब लूटा।

लूटे गए सोने को अपने देश से ले गए जिस कारण से आज के समय में भारत को हम सोने की चिड़िया नहीं कह सकते और अमीर देशों की लिस्ट में भी भारत का नाम आज के समय में नहीं है।

3. मोहम्मद गजनी की भारत लूट

मोहम्मद गजनी ने भारत पर आक्रमण किया और इसका सबसे बड़ा कारण यही था कि भारत के पास बहुत ज्यादा धन और सोना था और मोहम्मद गजनी ने 1001 में जयपाल पर आक्रमण कर के और उसको हरा कर उसके चार लाख सोने के सिक्के लूट लिए थे।

हर एक सोने के सिक्के का वजन 120 ग्राम का था और इस प्रकार से धीरे-धीरे करते हुए मोहम्मद गजनी में बहुत से राज्यों को हराकर और उनका सोना लूट लिया।

ऊपर दिए हुए पॉइंट को पढ़ कर आपको जरूर पता लग गया होगा कि वर्तमान समय में भारत को सोने की चिड़िया क्यों नहीं कहा जाता क्योंकि भारत के ऊपर सोने के लूट बहुत ही ज्यादा की गई थी, जिस कारण से कि अब भारत के पास पहले जितना सोना नहीं है और हम आज के समय में भारत को सोने की चिड़िया नहीं कह पा रहे हैं।

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FAQs सोने की चिड़िया से संबंधित

भारत को सोने की चिड़िया का नाम कैसे मिला था?

प्राचीन समय में भारत एक समृद्ध देश था यहाँ सभी लोगो के पास अपने व्यवसाय थे उस समय भारत में लोगो के पास अमेरिका, जापान, चीन और ब्रिटेन के लोगो से भी अधिक धन था।

भारत को सोने की चिड़िया कौन से राजा ने बनाया था

इतिहासकारों के मुताबिक भारत को सोने की चिड़िया बनाने में महाराज विक्रमादित्य का काफी योगदान था इनके शासन को मुख्य तौर पर भारत का स्वर्णिम काल कहा जाता था इस समय भारत में इतना सोना आ गया था कि व्यापार में सोने के सिक्के चलते थे।

भारत को सोने की चिड़िया कौन से समय में कहा जाता था?

भारत को प्राचीन समय लगभग 3000 ईसा पूर्व से 10वीं शताब्दी ईस्वी तक सोने की चिड़िया का नाम मिला था इस दौरान भारत में मौर्य, शुंग, कुषाण, गुप्त आदि जैसे कई लोकप्रिय राजवंश देखे गए थे।

सोने की चिड़िया का मतलब क्या होता है?

भारत को उसकी आर्थिक सम्पन्नता के कारण ही सोने की चिड़िया कहा गया था आर्थिक सम्पन्नता से अर्थ है कि देश के सभी लोग आर्थिक रूप से संपन्न थे सभी के पास अपने व्यवसाय थे।

अब भारत को सोने की चिड़िया क्यों नहीं कहा जाता है?

भारत का इतिहास एक तरफ जहाँ स्वर्णिम रहा है दूसरी ओर लूटपाट से भी भरा रहा है आर्थिक सम्पन्नता के कारण विदेशी आक्रमणकारियों ने भारत को खूब लूटा और भारत के धन को लूटकर अपने देश ले गए अब भारत के पास पहले जैसा धन नहीं रहा है।

निष्कर्ष – Bharat Sone Ki Chidiya Kaise Bana

आज के आर्टिकल में हमने Bharat Ko Sone Ki Chidiya Kyun Kehte The हर एक कारण पर अच्छे से चर्चा की है और आपको इस आर्टिकल के अंदर यह भी जानकारी दी है कि वर्तमान समय में भारत को सोने की चिड़िया क्यों नहीं कहा जाता और हर एक टॉपिक को आपको अच्छे से समझाने की कोशिश की है ताकि हर एक व्यक्ति को अच्छे से समझ आ जाए।

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