चाइना क्रिकेट क्यों नहीं खेलता है जब भी आप चीन में खेलों के बारे में सुनते है तो आपके मन में ये सवाल जरुर आता होगा। जहां तक बात करे भारत की तो हम सभी जानते है कि यहाँ क्रिकेट काफी ज्यादा लोकप्रिय खेल है। भारत के कई पड़ोसी देश जैसे पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्री लंका और अफगानिस्तान में भी क्रिकेट के काफी ज्यादा चाहने वाले हैं।
भारत एक पड़ोसी देश चीन जो टेक्नोलॉजी के मामले में काफी आगे है लेकिन क्रिकेट में उतना ही पीछे है। हालाकि कुछ साल से चीन भी क्रिकेट में दिलचस्पी दिखा रहा है। इसके लिए उन्होंने बकायदा अपनी क्रिकेट टीम भी बनाई हुई है लेकिन अभी तक उसे उतनी कामयाबी नहीं मिली है।
ऐसा नहीं है कि चीन खेलों में रुची नहीं रखता बल्कि क्रिकेट को छोड़ चीन बाकि खेलों में काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। जब भी दुनिया के किसी देश में वैश्विक स्तर के खेल होते है चाइना उसमें पार्टिसिपेट करता है और उसके खिलाड़ी मेडल भी जीतते है। ज्यादातर खेलों में चाइना का नाम टॉप 10 देशों में होता है लेकिन इन सबके बावजूद चीन क्रिकेट नहीं खेलता है तो इसके पीछे क्या कारण चलिए जानते हैं।
चाइना क्रिकेट क्यों नहीं खेलता
दरअसल चीन के क्रिकेट न खेलने के कई कारण है यहाँ हम आपको कुछ मुख्य कारण बताने जा रहे हैं
चाइना हमेशा से ही ओलंपिक का समर्थक देश रहा है क्योंकि यह एक ऐसा टूर्नामेंट है। जिसमे दुनिया के ज्यादातर देशो के खिलाड़ी हिस्सा लेते है। ओलंपिक में होने वाले खेलों के लिए चीन काफी मेहनत भी करता है यही वजह है कि इस टूर्नामेंट में चीन के खिलाड़ी काफी मेडल जीतते हैं। चूँकि क्रिकेट ओलंपिक का हिस्सा नहीं है इसलिए चीन क्रिकेट खेल को ज्यादा तवज्जो नहीं देता है।
चीन अंग्रेजों का कभी उपनिवेश नहीं बन पाया था इसलिए अंग्रेज चाइना में क्रिकेट का प्रसार नहीं कर पाए। वैसे देखा जाए तो आज जितने भी देश क्रिकेट खेलते है वह कभी न कभी अंग्रेजों के उपनिवेश रहे हैं। ऐसे में अंग्रेजों ने जिन देशों में राज किया है वहां क्रिकेट का प्रचार प्रसार किया है।
एक वजह यह भी है कि क्रिकेट वैश्विक स्तर का लोकप्रिय खेल नहीं है। वास्तव में यह एक अल्पसंख्यक खेल है जो दुनिया के बहुत कम देशों द्वारा खेला जाता है। इसके अलावा यह खेल खेलों के महासंग्राम ओलंपिक का हिस्सा भी नहीं है और चाइना में ज्यादातर उन खेलों को पसंद किया जाता है जो ओलंपिक का हिस्सा है।
चाइना का राष्ट्रीय खेल टेबल टेनिस है जिसमें वह काफी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है। इसके अलावा चाइना में बैडमिंटन को भी काफी पसंद किया जाता है। चीन खेलों के जरिये दुनियाभर में अपनी छाप छोड़ना चाहता है। चाइना उन खेलों में फोकस कर रहा है जो दुनिया के ज्यादातर देशों द्वारा खेले जाते हैं।
निष्कर्ष
तो अब आप जान गए होंगे कि चाइना क्रिकेट क्यों नहीं खेलता है इस पोस्ट में आपको कुछ कारण बताये गए हैं। जिनसे आपको समझने में आसानी हुई होगी। आपको बता दे कि अब चाइना में भी धीरे धीरे क्रिकेट का प्रसार हो रहा है। चाइना की टीम भी टूर्नामेंट में भाग ले रही है। भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है लेकिन यह खेल भारत में क्रिकेट के मुकाबले काफी कम लोकप्रिय है।
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